चंडीगढ़। पंजाब के निकाय चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भले ही आम आदमी पार्टी (आप) अपनी पीठ थपथपाने में लगी हो लेकिन इसे पार्टी के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। निकाय चुनावों ने पांच नगर पालिकाओं में से आप को केवल पटियाला में पूर्ण बहुमत हासिल हुआ है। वह बात अलग है कि लुधियाना और जलंधर में भी आप सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

खास बात यह है कि पंजाब के सीएम भगवंत मान के क्षेत्र संगरूर में ही पार्टी को झटका लगा है। जनाकारों की माने तो यह सीएम भगवंत मान और आप दोनों के लिए खतरे की घंटी है। संगरूर में काउंसिल के चुनावों में आम आदमी पार्टी 29 में से केवल सात पर ही जीती है। वहीं कांग्रेस ने 9 और बीजेपी ने तीन पर जीत हासिल की है। वहीं लुधियाना में दो मौजूदा विधायकों की पत्नी भी चुनाव हार गईं हैं। 

आप की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने स्थानीय निकाय चुनावों में इतिहास रच दिया है, जहां 522 वार्डों में से आधे से ज्यादा पर जीत हासिल की है। उन्होंने कहा कि यह शानदार जीत आप की जन-समर्थक शासन व्यवस्था और पारदर्शी राजनीति के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। 55 फीसदी वॉर्ड में आम आदम पार्टी ने जीत हासिल की है। कांग्रेस ने 20 फीसदी (191), बीजेपी ने सात और शिरोमणि अकाली दल को 3 फीसदी वॉर्ड ही हासिल हुए हैं। संगरूर में शिरोमणि अकाली दल ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे इसके बाद भी आप को नुकसान उठाना पड़ा। यहां से 10 निर्दलीयों ने जीत दर्ज की है जिनमें से तीन को शिरोमणि अकाली दल का समर्थन मिला था।

पटियाला में हाईकोर्ट ने 60 में से सात वॉर्डों पर चुनाव पर रोक लगा दी थी। यहां आप को 35 सीटों पर जीत मिली है। बीजेपी औऱ कांग्रेस ने चार-चार सीटें जीतीं हैं। एसएडी को दो पर जीत मिली है। आम आदमी पार्टी के आठ पार्षद निर्विरोध चुने गए हैं। अरोड़ा ने कहा कि विपक्ष फालतू में ही संगरूर में चुनाव में गड़बड़ियों को लेकर प्रदर्शन कर रहा था। अगर चुनाव में गड़बड़ी होती तो हमारी पार्टी का यह हाल ना होता।

लुधियाना में 95 में से 41 पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली है। यहां भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल पाया है। यहां विधायक गुरप्रीत सिंह गोगोई की पत्नी सुखचैन कौर और अशोक पराशर की पत्नी मीनू पाराशर को भी हार का सामना करना पड़ा। अमृतसर में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। फगवाड़ा में किसी बी दल को बहुमत नहीं मिला है। यहां कांग्रेस और बीएसपी के गठबंधन ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल कीं। जलंधर में आम आदमी पार्टी को 85 में से 39 सीटें मिलीं वहीं दूसरे नंबर पर 34 सीटों लेकर कांग्रेस रही।